IUI फेल होने के कारण
IUI के इलाज में केवल 10 % प्रतिशत प्रोसेस ही आर्टिफिशियल रूप से होती है बाकी सारा प्रोसेस प्राकृतिक होती है इसलिए उसके फेल और पास होने पर डॉक्टर्स भी कुछ नहीं कर सकते है | IUI की कामयाबी कई बातों पर निर्भर करती है। जैसे कि महिला की उम्र कितनी है, पीरियड्स हो रहे हैं या नहीं, पहले कितनी बार IUI करा चुके हैं और उनके क्या नतीजे रहे हैं | पूर्व में मेडिकल हिस्ट्री भी इसमें अहम भूमिका निभाती है।
IUI उपचार में असलफता के निम्न कारण हो सकते है :
- यदि इंजेक्शन देने के बाद भी अंडाशय थैली से सही तरह से अलग नहीं हो पाता है| (/meaning is not clear)
- यदि महिला की उम्र अधिक है और अंडाशय में अंडो एक्टिव नहीं हो पा रहे है |
- यदि किसी कारण से अंडे फ़ैलोपिन ट्यूब तक नहीं पहुंचते है |
- यदि फ़ैलोपिन ट्यूब में रूकावट है और IUI ट्रीटमेंट द्वारा डाले गए वीर्य फ़ैलोपिन ट्यूब में नहीं जा पाते है जिसके कारण वह अंडो से निष्क्रिय नहीं हो पाते है |
- यदि शुक्राणु अंडे तक तो पहुंच गए है लेकिन अंडे की बाहरी परत को भेद नहीं पाते है तो ऐसे में भी Fertilization नहीं हो पाता है |
- अंडाशय से अंडे जाकर फ़ैलोपिन ट्यूब में 12 से 24 घंटे के लिए रुकते है यदि इस समय में शुक्राणु को गर्भाशय में नहीं ट्रांसफर किया जाता है तो ऐसे में भी फर्टिलाइज़ेशन नहीं हो पाता है |
- यदि अंडो से शुक्राणु निषेचित हो जाते है लेकिन किसी कारन से वह गर्भाशय में आकर उसकी दीवार से चिपक नहीं पाते है तो ऐसे में भी IUI ट्रीटमेंट फ़ैल होता है और Fertilization नहीं हो पाता है |